ई ज्ञानदीप छात्रों को ऐसा मंच प्रदान करता है जिसके माध्यम से छात्र अपने हिंदी ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं।
हिंदी में रुचि लेने वाले विभिन्न कक्षाओं के छात्र अपनी कक्षा के हिंदी विषय की तैयारी इस मंच के माध्यम से कर सकते हैं। यहाँ प्रत्येक पाठ की विषय वस्तु को सरल तरीके से समझाने के साथ-साथ संबंधित कवि अथवा लेखक का जीवन परिचय बताया गया है। साथ ही पाठ से संबंधित व्याख्या को सप्रसंग समझाने का प्रयास किया गया है। व्याख्या करते हुए विशेष भाग के अंतर्गत आने वाली भाषा और शैली की विशेषताओं को बिंदुवार बताया गया है। छात्रों को पाठ की विषय-वस्तु अथवा कविता का अर्थ भली-भांति समझ में आए इसके लिए प्रत्येक पाठ के शब्दों का अर्थ पाठ के आरंभ में ही स्पष्ट कर दिया गया है। छात्रों से उम्मीद है कि छात्र शब्दों के अर्थों को कंठस्थ करते हुए आगे बढ़ेंगे। अगर छात्र यह तरीका अपनाते हैं तो उन्हें विषय वस्तु को समझने में किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। शब्दों का अर्थ याद करने से हमारा शब्द भंडार तो विकसित होगा ही साथ ही साथ अध्याय से संबंधित विषय-वस्तु का ज्ञान शीघ्र और लंबे समय के लिए हो जाएगा।
व्याकरण किसी भी भाषा का सही और शुद्ध ज्ञान प्राप्त करने के लिए मुख्य आधार होता है। यहाँ व्याकरण के विभिन्न बिंदुओं को स्पष्ट करने के लिए सरल उदाहरणों का प्रयोग किया गया है। व्याकरणिक बिंदुओं को समझाने के साथ-साथ रचनात्मक लेखन से संबंधित विषयों जैसे अपठित गद्यांश-पद्यांश, पत्र, निबंध, चित्र वर्णन, पल्लवन, संक्षेपण आदि को रोचक तरीके से समझाया गया है। इन विषयों का अभ्यास करके छात्र अपनी रचनात्मकता का विकास आसानी से कर सकते हैं।
साहित्य का ज्ञान तब तक अधूरा है जब तक उसके आधार इतिहास को न जाना जाए। साहित्य का इतिहास हमें साहित्य की विकास परंपरा को समझने में सहायता करता है। ई-ज्ञानदीप पर हमें हिन्दी साहित्य के इतिहास से जुड़े विभिन्न कालों आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल और आधुनिक काल की विस्तृत और क्रमबद्ध सामग्री मिलती है, जिसके माध्यम से उच्च कक्षाओं के छात्र विषय विशेष की तैयारी कर सकते हैं। इसके साथ विभिन्न अध्यापन संबंधी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे टीजीटी, पीजीटी, नेट आदि की तैयारी करने वाले छात्र क्रमबद्ध और विस्तृत तैयारी कर सकते हैं।