प्रमुख तथ्य –
- इस्लाम धर्म की स्थ्प्न हजरत मुहम्मद थे।
- 24 सिंतबर को पैगंबर की मक्का से मदीना की यात्रा इस्लाम जगत में मुस्लिम संवत के नाम से जानी जाती है।
हजरत मुहम्मद – हजरत मुहम्मद का जन्म 570 ई. में मक्का में हुआ था। हजरत मुहम्मद के जन्मदिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के नाम से मनाया जाता है। हजरत मुहम्मद को 610 ई. में मक्का के पास हीरा नाम की गुफा में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। हजरत मुहम्मद की शादी 25 साल की उम्र में खदीजा नाम की विधवा से हुई। हजरत मुहम्मद की बेटी का नाम फतिमा और दामाद का नाम अली हुसैन है। हजरत मुहम्मद की मृत्यु 8 जून 632 ई. को हुई। इन्हें मदीना में दफनाया गया। इब्न ईशाक ने सबसे पहले हजरत मुहम्मद का जीवन चरित्र लिखा था।
कुरान – कुरान इस्लाम धर्म का पवित्र ग्रंथ है। पैगंबर मुहम्मद ने कुरान की शिक्षाओं का उपदेश दिया। देवदूत ग्रैब्रियल ने पैगम्बर मुहम्मद को कुरान अरबी भाषा में संप्रेषित की।
इस्लाम का विभाजन – हजरत मुहम्मद की मृत्यु के बाद इस्लाम शिया और सुन्नी दो पंथों में बंट गया। सुन्नी उन्हें कहते हैं जो सुन्ना में विश्वास रखते हैं. सुन्ना हजरत मुहम्मद के कथनों और कार्यों का विवरण है। शिया अली की शिक्षाओं में विश्वास रखते हैं और उन्हें हजरत मुहम्मद का उत्तराधिकारी मानते हैं।
अली – अली, हजरत मुहम्मद के दामाद थे। अली की सन 661 में हत्या कर दी गई थी। अली के बेटे हुसैन की हत्या 680 में कर्बला में की गई थी।
खलीफा – हजरत मुहम्मद के उत्तराधिकारी खलीफा कहलाए। इस्लाम जगत में खलीफा पद 1924 ई. तक रहा. 1924 में इसे तुर्की के शासक मुस्तफा कमालपाशा ने खत्म कर दिया।